सातवां पहर/मुंगेली – कहते है कि कानून के हाथ बहुत लंबे होते है और अपराधी कितना भी शातिर हो कानून से बच नही सकता, एक ऐसे ही अंधे कत्ल के मामले में मुंगेली पुलिस ने भी अपराधियों को धर दबोचा।

लगभग 5 साल पहले ग्राम छटन, थाना फास्टरपुर में 15 नवंबर 2015 की दरम्यानी रात्रि अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व स्वास्थ्य राज्य मंत्री भानुप्रसाद गुप्ता की रिश्तेदार श्रीमती उमेंद कुंवर केशरवानी की जघन्य हत्या एवं लूट की घटना घटित हुई थी, जिस पर लंबे अंतराल के बाद पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि ग्राम गोरखपुर, थाना लालपुर निवासी शातिर नकबजन एवं पूर्व सजायाब गंगाराम यादव, सखाराम यादव, तुकाराम यादव एवं रिद्धीगिरी गोस्वामी, इन चारों ने मिलकर ग्राम छटन में हुई हत्या व लूट की वारदात को अंजाम दिया गया है, जिसके बाद मुखबिर से मिली सूचना की तस्दीक में पुलिस जुट गई, जिसमें पता चला कि 15 नवम्बर की रात्रि गोरखपुर के गंगाराम यादव, सखाराम यादव, तुकाराम यादव एवं रिद्धीगिरी गोस्वामी चोरी की नियत से श्रीमती उमेंद कुंवर केशरवानी के घर में घुसे थे, घटना को अंजाम देते हुए संभवतः कोई आहट हुई होगी जिससे श्रीमती केशरवानी जाग गई, चूंकि उन चारों को वो पहचानती थी, उसमें से एक आरोपी उनके पुराने मुख्त्यार भाईराम यादव का बेटा निकला, पकड़े जाने के डर से उन चारों ने उनके हांथ और मुंह को पकड़कर पास रखे लोहे के परखी तथा सील पत्थर से ताबड़तोड़ हमला कर उनकी हत्या कर उनके गले से सोने की कंठी, चांदी की बिछिया सहित नकदी रकम को लूट कर वहां से भाग खड़े हुए।
ऐसे हुई गिरफ्तारी
ग्राम मनोहरपुर थाना लालपुर में 30-31 दिसम्बर की दरमियानी रात लूट एवं हत्या की घटना के सिलसिले में अज्ञात आरोपियों की पतासाजी हेतु मनोहरपुर एवं आसपास पुलिस ने अपने मुखबिर सक्रिय कर रखे थे साथ ही जिन पर भी पुलिस को शक हुआ उनसे कड़ाई से पूछताछ कर रही थी, नतीजन वर्ष 2015 में हुई घटना के आरोपी सलाखों के पीछे पहुंचे हैं।
मनोहरपुर का मामला अभी भी है पेंडिंग
ग्राम मनोहरपुर में भी ऐसे ही लूट एवं हत्या जैसी जघन्य अपराध को अंजाम देकर अपराधी अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर है, अब ऐसे में देखने वाली बात यही है कि पुलिस उन अपराधियों तक कब पहुंचती है।
टीम को मिलेगा ईनाम
2015 का मामला हाई प्रोफाईल होने से पुलिस अधीक्षक द्वारा 5000 रूपये ईनाम की घोषणा की गई थी, आरोपियों को गिरफ्तार करने में निरीक्षक प्रभुप्रकाश लकड़ा, सउनि सुशील कुमार बंछोर, आरक्षक यशवंत डाहिरे, लोकेश राजपूत, राजेन्द्र यादव, भेषज पांडेकर एवं गिरीराज परिहार शामिल रहे।

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