सातवां पहर/मुंगेली
स्त्री को देवी का स्वरूप माना गया है, शास्त्रों के अनुसार स्त्री चाहे जिस रूप में हो वह पूजनीय है, ईश्वर ने उनमें ऐसे गुण समाहित किये हैं जिसके कारण उनमें दया, ममता, करूणा की भावना एक पुरूष से कहीं अधिक है। पिछले वर्ष के लाॅकडाउन में समाज सेवक पति रोहित शुक्ला एवं अन्य सहयोगियों के द्वारा संस्था के माध्यम से लोगों को घर पहुंच राशन उपलब्ध करा रहे थे जिसमें सूखा राशन सामग्री के अलावा पका हुआ भोजन भी शामिल था। नगर की ही सामाजिक संस्था प्रयास अ स्माल स्टेप के सभी सदस्यों ने समर्पित भाव से लोगों की सेवा की थी जिसकी प्रशंसा समूचे नगर में हुई थी। वहीं इस वर्ष फिर जिस दिन से लाकडाउन लगा है उस दिन से रोहित बेघर और विक्षिप्तों के लिए स्वयं भोजन बना रहे जिसमें उनकी धर्मपत्नी निशा शुक्ला भी कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग कर रही है। पत्नि के ऐसे स्वरूप की प्रशंसा भी बहुत हो रही है, वही दोनो का यही मानना है कि नर सेवा ही नारायण सेवा है।

वर्तमान में 30-35 लोगों को उनके निवास तक सुबह शाम भोजन मिल रहा है साथ ही जो बेहद जररूतमंद हैं उन्हें सीमित मात्रा में सुखा राशन भी उपलब्ध करा रहे हैं। लोग इनके इस प्रयास की खूब प्रशंसा भी कर रहे हैं साथ ही इन्हें गरीबों की दुवाएं भी मिल रही है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here